घी

घी

घी अथवा 'घृत' मूलत: दुग्ध वसा, गाय के दूध में प्राकृतिक वसा संघटक और मक्खन का प्रमुख अवयव है। प्राचीन काल से यह भोजन के एक अवयव के रूप में प्रयुक्त होता रहा है। भारतीय भोजन में खाद्य तेल के स्थान पर भी प्रयुक्त होता है। यह दूध के मक्खन से बनाया जाता है। घी का प्रयोग दैनिक जीवन में किया जाता है- जैसे रोटी, परांठा, सब्जी आदि के लिए।

  • आयुर्वेद में घी को काफ़ी फ़ायदेमंद बताया गया है। आयुर्वेद घी की मेडिसिनल वैल्यू का बखान भी करता है। आयुर्वेद की कई ऐसी दवाएं हैं, जिनके निर्माण में देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • घी सेहत के लिए कई मायनों में फ़ायदेमंद है। ये हमारे ऑर्गन को दुरुस्त रखता है। घी हमारे शरीर में कई ऐसे रसायनों का निर्माण करता है, जो हमारी पाचन प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
  • ख़ास बात यह कि हम घी में जब भी कोई दवा या दूसरे पौष्टिक तत्त्व मिलाते हैं तो उस दवा या तत्त्व की न्यूट्रीशनल वैल्यू दोगुनी हो जाती है।
  • कई बीमारियों में घी खाने से काफ़ी आराम मिलता है। मसलन शरीर के कुछ ख़ास हिस्सों पर होने वाला फ्रेक्टर, त्वचा और आंखों के रोग और कई तरह की सजर्री इनमें शामिल हैं।
  • घी हमारे शरीर को ताकत और त्वचा को चमक देता है। घी की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए यह पेट की कई बीमारियों जैसे गैस्टिक अल्सर में काफ़ी आराम पहुँचाता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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