गुलगुली गिल मैं गलीचा है गुनीजन हैं -पद्माकर

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गुलगुली गिल मैं गलीचा है गुनीजन हैं(ऋतु वर्णन) -पद्माकर


गुलगुली गिल मैं गलीचा है गुनीजन हैं,
चाँदनी हैं चिक हैं चिरागन की माला है।
कह ‘पदमाकर’ त्यों गजक गिजा हैं सजी,
सेज हैं सुराही हैं सुरा हैं और प्याला हैं।
सिसिर के पला को न व्यापत कसाला तिन्हैं,
जिनके अधीन एते उदित मसाला हैं।
तान तुक ताला हैं, बिनोद के रसाला हैं,
सुबाला हैं दुसाला हैं बिसाला चित्रसाला हैं।

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