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प्रस्तावना
(त)
श्रीगीतगोविन्द की टीकाएँ
श्रीगीतगोविन्द की निम्नलिखित छह प्रसद्धि टीकाएँ प्राप्त होती हैं-
- रसमञ्जरी इसके प्रणेता महामहोपाध्याय शंकर मिश्र हैं। उन्होंने इस टीका का प्रणयन श्रीशालीनाथ की प्रेरणा से किया था।
- रसिकप्रिया - इस व्याख्या के प्रणेता कुम्भनृपति कुम्भकरण थे। ये मेवाड़ के राजा थे। इनके राज्यकाल का समय ईसा की चौदहवीं शताब्दी का प्रथम चरण माना जाता है।
- सञ्जीवनी - इसके प्रणेता वनमाली भट्ट हैं।
- पदद्योतनिका - इसके प्रणेता नारायण भट्ट हैं।
- बालबोधिनी - इसके प्रणेता श्रीपुजारी गोस्वामी हैं।
- दीपिका - इसके प्रणेता आचार्य गोपाल हैं।
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