गीता माधुर्य -रामसुखदास पृ. 146

गीता माधुर्य -स्वामी रामसुखदास

अठारहवाँ अध्याय

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क्षत्रिय के कौन-से कर्म हैं?

1. शूरवीरता

2. तेज

3. धैर्य

4. प्रजा के संचालन आदि विशेष चतुरता

5. युद्ध में कभी पीठ न दिखाना

6. दान देना

7. शासन करने का भाव

ये क्षत्रिय के स्वाभाविक कर्म हैं।।43।।

वैश्य के कौन-से कर्म हैं?

1. खेती करना

2. गायों की रक्षा करना

3. शुद्ध व्यापार करना
ये वैश्य के स्वाभाविक कर्म हैं।

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गीता माधुर्य -रामसुखदास
अध्याय पृष्ठ संख्या
अध्याय 1 7
अध्याय 2 26
अध्याय 3 36
अध्याय 4 44
अध्याय 5 50
अध्याय 6 60
अध्याय 7 67
अध्याय 8 73
अध्याय 9 80
अध्याय 10 86
अध्याय 11 96
अध्याय 12 100
अध्याय 13 109
अध्याय 14 114
अध्याय 15 120
अध्याय 16 129
अध्याय 17 135
अध्याय 18 153

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