गीता माधुर्य -स्वामी रामसुखदास
सोलहवाँ अध्याय
अनधिकारी कौन होता है भगवन्? आसुरी सम्पत्ति वाले मनुष्य के क्या लक्षण होते हैं? 1. दम्भ (दिखावटीपन) करना। 2. घमण्ड करना अर्थात् ममतावाली चीजों को लेकर अपने में बड़प्पन का अनुभव करना। 3. अहंतावाली चीजों को लेकर अभिमान करना। 4. क्रोध करना। 5. मन, वाणी, बर्ताव आदि में कठोरता रखना। 6. सत्-असत्, कर्तव्य-अकर्तव्य आदि के ज्ञान (विवेक) को महत्त्व न देना। हे पृथानन्दन! ये सभी आसुरी सम्पत्ति को प्राप्त हुए मनुष्य के लक्षण हैं अर्थात् इन लक्षणोंवाला मनुष्य प्रायः मेरी भक्ति का अधिकारी नहीं होता।।4।। |