गीता माता -महात्मा गांधी पृ. 266

गीता माता -महात्मा गांधी

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12 : राष्ट्रीय शालाओं में गीता


एक संवाददाता पूछते हैं कि क्या राष्ट्रीय शालाओं में हिंदू और अहिंदू सब बालकों को गीता अनिवार्य रूप में सिखाई जा सकती है? दो साल पहले जब मैं मैसूर से सफर कर रहा था, मुझे यह दुःख के साथ कहना पड़ा था कि एक हाईस्कूल के हिंदू बालक गीता से परिचित न थे। इस तरह गीता के प्रति मेरा पक्षपात स्पष्ट है। मैं तो चाहता हूँ कि गीता न केवल राष्ट्रीय शालाओं में ही , बल्कि प्रत्येक शिक्षा-संस्था में पढ़ाई जाये। एक हिंदू बालक या बालिका के लिए गीता का न जानना शर्म की बात होनी चाहिए।

मगर अनिवार्यता के बारे में मेरा आग्रह कम हो जाता है, खासकर राष्ट्रीय शालाओं के संबंध में। यह सच है कि गीता विश्व-धर्म की एक पुस्तक है, फिर भी यह एक दावा है जो किसी पर लादा नहीं जा सकता। संभव है, कोई ईसाई, मुसलमान या पारसी इस दावे का विरोध करे और बाइबिल, कुरान या अवेस्ता के बारे में ऐसा ही दावा पेश करे। मुझें भय है कि हिंदू कहे जाने वालों के लिए भी गीता की शिक्षा अनिवार्य नहीं बनाई जा सकती है।

कई सिख और जैन अपने आपको हिंदू मानते हैं? मगर संभव है, वे अपने बालक-बालिकाओं को अनिवार्य रूप से गीता के पढ़ाये जाने का विरोध करें। साम्प्रदायिक या जातीय शालाओं की बात ही दूसरी होगी। मसलन, एक वैष्णवशाला के लिए गीता को धार्मिक शिक्षा का अंग बनाना मेरी राय में बिलकुल उचित होगा। प्रत्येक स्वतंत्रशाला को हक है कि वह अपनी पढ़ाई का पाठ्यक्रम स्वयं निश्चित करे। मगर एक राष्ट्रीय शाला को तो स्पष्ट मर्यादाओं में रहकर काम करना पड़ता है।

जहाँ अधिकार या हममें दस्तंदाजी नहीं होती, वहाँ अनिवार्यता का भी प्रश्न दावा नहीं उठता। एक खानगी पाठशाला में प्रवेश करने का कोई दावा नहीं कर सकता, मगर यह मानी हुई बात है कि राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को राष्ट्रीय शाला में जाने का अधिकार है। अतएव एक जगह जो बात प्रवेश की शर्त मानी जायगी, वही दूसरी जगह अनिवार्य न होगी। बाहरी दबाव से गीता कभी विश्व-व्यापिनी नहीं होगी। वह विश्व-व्यापिनी तो तभी होगी, जब उसके प्रशंसक उसे जबर्दस्ती दूसरों के गले न उतारकर स्वयं अपने जीवन द्वारा उसकी शिक्षाओं को मूर्तरूप देंगे।

18 मार्च, 1929

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

गीता माता
अध्याय पृष्ठ संख्या
गीता-बोध
पहला अध्याय 1
दूसरा अध्‍याय 3
तीसरा अध्‍याय 6
चौथा अध्‍याय 10
पांचवां अध्‍याय 18
छठा अध्‍याय 20
सातवां अध्‍याय 22
आठवां अध्‍याय 24
नवां अध्‍याय 26
दसवां अध्‍याय 29
ग्‍यारहवां अध्‍याय 30
बारहवां अध्‍याय 32
तेरहवां अध्‍याय 34
चौदहवां अध्‍याय 36
पन्‍द्रहवां अध्‍याय 38
सोलहवां अध्‍याय 40
सत्रहवां अध्‍याय 41
अठारहवां अध्‍याय 42
अनासक्तियोग
प्रस्‍तावना 46
पहला अध्याय 53
दूसरा अध्याय 64
तीसरा अध्याय 82
चौथा अध्याय 93
पांचवां अध्याय 104
छठा अध्याय 112
सातवां अध्याय 123
आठवां अध्याय 131
नवां अध्याय 138
दसवां अध्याय 147
ग्‍यारहवां अध्याय 157
बारहवां अध्याय 169
तेरहवां अध्याय 174
चौहदवां अध्याय 182
पंद्रहवां अध्याय 189
सोलहवां अध्याय 194
सत्रहवां अध्याय 200
अठारहवां अध्याय 207
गीता-प्रवेशिका 226
गीता-पदार्थ-कोश 238
गीता की महिमा
गीता-माता 243
गीता से प्रथम परिचय 245
गीता का अध्ययन 246
गीता-ध्यान 248
गीता पर आस्था 250
गीता का अर्थ 251
गीता कंठ करो 257
नित्य व्यवहार में गीता 258
भगवद्गीता अथवा अनासक्तियोग 262
गीता-जयन्ती 263
गीता और रामायण 264
राष्ट्रीय शालाओं में गीता 266
अहिंसा परमोधर्म: 267
गीता जी 270
अंतिम पृष्ठ 274

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