गीता दर्शन -स्वामी अखण्डानन्द सरस्वती महाराज
भाग-6 : अध्याय 9
प्रवचन : 2
गीता क्या है? गीता वाङ्मयी माँ है। सरस्वती माँ है। अम्बा है। अम्बा का अर्थ है वर्णमयी माँ, वाङमयी माँ। बालक जैसे अपनी माँ का दूध पीता है वैसे ही ‘दुग्धं’ गीतामृतं महत्’ - इस महागीतामृत का पान करें। राजविद्या विद्याओं की राजा है जो राजवंश में गुप्त रही है। सर्वश्रेष्ठ गोपनीय है। सर्वश्रेष्ठ इस राजविद्या को राजाओं ने अपने हृदय में गुप्त रखकर-छिपाकर राजकाज चलाया है और सारा व्यवहार करते हुए भी मृत्यु से निर्भय होकर राज्य का संचालन किया। यदि मृत्यु से अभय नहीं हो तो युद्ध में, संघर्ष में कैसे उतरेगा? सूझ-बूझ न हो, समझदारी न हो, अज्ञान न मिटे तो राजकाज कैसे चलेगा? |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | प्रवचन | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज