खड्ग शस्त्र

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खड्ग बलिदान का शस्त्र है। देवी दुर्गा, चण्डी के रूप में इसका प्रयोग करती हैं। प्राचीन समय में होने वाले युद्धों में इसका बहुत प्रयोग होता था। खड्ग के दोनों ओर धार होती है, इससे काटना और भोंकना[1], दोनों कार्य किए जाते हैं।

उत्पत्ति

खड्ग की उत्पत्ति के संबंध में एक पौराणिक कथा इस प्रकार है-

दक्ष प्रजापति की साठ कन्याएँ थीं, जिनसे सारी सृष्टि का निर्माण हुआ। उनसे देव, ऋषि, गंधर्व, अप्सरा ही नहीं हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु सदृश दैत्यों ने भी जन्म लिया। इन दैत्यों ने सब लोगों को तंग करना आरंभ कर दिया। तब देवों ने हिमालय पर एक यज्ञ किया। यज्ञ अग्नि की ज्वाला से नील वर्ण, कृशोदर, तीक्ष्णदंत एवं तेजपुंजयुक्त एक आयुध की उत्पत्ति हुई। उसके प्रभाव से सारी पृथ्वी थरथरा उठी। तब ब्रह्मा ने कहा कि- "मैंने लोकरक्षा के लिये इस खड्ग का निर्माण किया है।"


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