श्रीकृष्णांक
मुसलमान कवि और भगवान श्रीकृष्ण
इस विश्व के नियन्ता, हर्ता-कर्ता और विधाता की रसखानि ने कहां-कहां खोज की और उसका पता उन्हें कहाँ मिला, यह भी सुन लीजिये– ब्रह्म मैं ढूंढो पुराणन वेदन, भेद सुनो चत्त चौगुने चायन । जिस बात को बड़े बड़े ऋषि मुनि तत्ववेत्ता भी मुश्किल से जान पाते हैं, जिसके ज्ञान के लिये और जिसके दर्शन के लिये तपस्वी युगों तक तपस्या करते हैं, वही सर्वशक्तिमान अपने भक्त के प्रेम-सम्बन्ध में बंधकर क्या क्या करता है – शेश, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेशहु जाहि निरन्तर गावैं । ‘ताज’ पंजाब की ओर की मुसलमान महिला थी। भगवान श्रीकृष्ण से एक बार भक्त का नाता जुड़ जाने के बाद वह संसार के अन्य सब धर्म, कर्म, दर्शन-शास्त्र, पूजा-पाठ इत्यादि सब भूल जाता है। ‘ताज’ ने भी पीत पटवाले से सम्बन्ध जोड़कर अपने जन्मगत धर्म-कर्म को विदा कर दिया– सुनो दिलजानी, मेरे दिलदी कहानी, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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