कृष्णदास के पद

कृष्‍णदास ने और सब कृष्ण भक्तों के समान राधा-कृष्ण के प्रेम को लेकर श्रृंगार रस के ही पद गाए हैं। ‘जुगलमान चरित’ नामक इनका एक छोटा-सा ग्रंथ मिलता है। इसके अतिरिक्त इनके बनाए दो ग्रंथ और कहे जाते हैं- 'भ्रमरगीत' और 'प्रेमतत्त्व निरूपण'। इनका कविता काल सन 1550 के आसपास माना जाता है।

कृष्णदास के प्रसिद्ध पद


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