कुंज भवन में मंगलचार -परमानंददास

कुंज भवन में मंगलचार -परमानंददास

Prev.png



कुंज भवन में मंगलचार ।
नव दुलहन वृषभान नंदिनी, दूल्हे ब्रजराज कुमार ॥1॥
नये नये पुष्पकुंज के तोरण, नव पल्लवी बंदनवार ।
चोरी रची कदंब खंडी में, सघन लता मंडप विस्तार ॥2॥
करत वेद ध्वनि विप्र मधुप गण कोकिला गण गावत अनुसार ।
दीनी भूर दास परमानंद प्रेम भक्ति रतन के हार ॥3॥

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः