कहत जसोदा सब सखियन सों -कृष्णदास

कहत जसोदा सब सखियन सों -कृष्णदास

Prev.png



कहत जसोदा सब सखियन सों आवो बैठो मंगल गावो।
है गनगौर की तीज रंगीली कान्ह कुंवर को लाड लडावो॥1॥
ललिता चन्द्रभगा चन्द्रावली बेगि जाय राधा लै आवो।
स्यामा चतुरा रसिका भामा तुम पिय को सिंगार बनावो॥2॥
कमला चंपा कुमुदा सुमना पहोंपमाल लै उर पहिरावो।
ध्याया दुर्गा हरखा बहूला लै दरपन कर बैनु गहावो॥3॥
कृष्णा यमुना वृंदा नैनां चरन परसि करि नैन लगावो।
तारा रंगा हंसा विमला जमुनाजल झारी पधरावो॥4॥
नवला अबला नीला सीला गूँजा पूवा ले भोग धरावो।
हीरा रत्ना मैना मोहा लै बीना तुम तान सुनावो॥5॥
घूमर खेलो मन रस झेलो नेह मेह बरखा बरखावो।
कृष्णदास प्रभु गिरिधर को सुख निरखि निरखि दोऊ दृगन सिरावो॥6॥

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः