करनाँ फकीरी क्या दिलगीरी, सदा मगन मन रहना रे। (टेर)
कोई दिन बाड़ी तो कोई दिन बँगला, कोई दिन जँगल रहना रे।।1।।
कोई दिन हाथी कोई दिन घोड़ा, कोई दिन पाँवों से चलना रे।।2।।
कोई दिन गादी कोई दिन तकिया, कोई दिन भोय में पड़ना रे।।3।।
कोई दिन खाना तो कोई दिन पीनाँ, कोई दिन भूखे ही मरना रे।।4।।
कोई दिन पहनाँ तो कोई दिन ओढ़ा, कोई दिन चिथरा पथरना रे।।5।।
मीराँ कहै प्रभु गिरधरनागर, ऐसा कूँता करना रे।।6।।[1]