ऐसे दिन बिधना कब करिहै -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

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राग घनाश्री




ऐसे दिन बिधना कब करिहै।
स्याम सुंदर की सुनियै बाते कब धरती पग धरिहै।।
प्रातहिं उठत कलेऊ कारन सीकै बासन टरिहै।
कब मोसौं मैया कहि बोलै पेट पै लोटि झगरिहै।।
‘सूर’ जसोदा देव मनावति सुख दै सब दुख हरिहै।। 13 ।।

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