ऐसी को खेलै तोसौ होरी -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

Prev.png
राग पूरबी




ऐसी को खेलै तोसौ होरी।
बारंबार पिचकारी मारत ता पर बाहँ मरोरी।।
नंद बाबा की गाइ चरावौ हमसौ कर बरजोरी।
छाक छीनि खाते ग्वालनि की करते माखन चोरी।
चोवा चंदन और अरगजा अबिर लिये भरि झोरी।
उडत गुलाल लाल भए बादर केसरि भरी कमोरी।।
बृंदावन की कुंजगलिनि मैं गावौ राधा गोरी।
'सूरदास' प्रभु तुम्हरे दरस कौ चिरजीवौ यह जोरी।। 125 ।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः