ऊधो मधुपुर का बासी -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा माधव लीला माधुरी

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राग सारंग - तीन ताल


मारवाड़ी बोली

ऊधो मधुपुर का बासी।
हाँरो बिछड़्‌यो स्याम मिलाय, बिरह की काट कठण फाँसी॥
स्याम बिन चैन नहीं आवै।
हाँरो जबसे बिछड़्‌यो स्याम, हीवड़ो उझल्यो ही आवै॥
छाय रही ब्याकुलता भारी।
म्हाँरे स्याम बिरह में आज, नैनसैं रह्यौ नीर जारी॥
स्याम बिनु ब्रज सूनो लागै।
सूनी कुंज, तीर जमुना को, सब सूनो लागै॥
गोठ-बन स्याम बिना सूनो।
हाँरे एक-‌एक पल जुग सम बीतै, बिरह बढ़ै दूनो॥
ऊधौ ! अरज सुणो हाँरी।
थाँरो गुण नहिं भूलाँ कदे, मिलाद्यौ मोहन बनवारी॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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