आरती किसी भी देवी, देवता के भजन, कीर्तन और पूजा के अंत में किया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कर्म है।
- पौराणिक ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसे पूजा-पाठ आदि का अहम अंग बताया गया है।
- आरती के दौरान कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सब का विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें शामिल होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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