आपुनही चलियै जू मोहन -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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आपुनही चलियै जू मोहन मन कीजियै न लाज।
मोसी जौ तुम कोटिक पठवौ प्रिया न मानति आज।।
हौ जु तिहारी आज्ञाकारिनि कहा कहत ब्रजराज।
'सूरदास' प्रभु बड़े कहि गए आपु काज महा काज।। 61 ।।

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