अर्जुन का द्वारकावासियों को अपने साथ ले जाना

महाभारत मौसल पर्व के अंतर्गत सातवें अध्याय में वैशम्पायन जी ने अर्जुन का द्वारकावासी स्त्री-पुरुषों को अपने साथ ले जाने का वर्णन किया है, जो इस प्रकार है[1]-

अर्जुन द्वारा द्वारकावासी स्त्री-पुरुषों को अपने साथ ले जाना

वैशम्पायन जी बोले- राजन! पाण्‍डुनन्‍दन अर्जुन उन सबके प्रेतकर्म विधिपूर्वक सम्‍पन्‍न करके तुरन्‍त रथ पर आरूढ़ हो सातवें दिन द्वारका से चल दिये। उनके साथ घोडे़, बैल, गधे और ऊंटों से जुते हुए रथों पर बैठकर शोक से दुर्बल हुई वृष्णिवंशी वीरों की पत्नियां रोती हुई चलीं। उन सबने पाण्‍डुपुत्र महात्‍मा अर्जुन का अनुगमन किया। अर्जुन की आज्ञा से अन्धकों और वृष्णिवंशियों के नौकर, घुड़सवार रथी तथा नगर और प्रान्‍त के लोग बूढे़ और बालकों से युक्‍त विधवा स्त्रियों को चारों ओर से घेरकर चलने लगे। हाथी सवार पर्वताकार हाथियों द्वारा गुप्‍त रूप से अस्त्र-शस्त्र धारण किये यात्रा करने लगे। उनके साथ हाथियों के पाद रक्षक भी थे। अन्‍धक और वृष्णि वंश के समस्‍त बालक अर्जुन के प्रति श्रद्धा रखने वाले थे। वे तथा ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, महाधनी शूद्र और भगवान श्रीकृष्‍ण की सोलह हज़ार स्त्रियां- ये सब-की-सब बुद्धिमान श्रीकृष्‍ण के पौत्र वज्र को आगे करके चल रहे थे। भोज, वृष्णि और अन्‍धक कुल की अनाथ स्त्रियों की संख्‍या कई हज़ारों, लाखों और अरबों तक पहुँच गयी थी। वे सब द्वारकापुरी से बाहर निकलीं। वृष्णियों का वह महान समृद्धिशाली मण्‍डल महासागर के समान जान पड़ता था। शत्रुनगरी पर विजय पाने वाले रथियों में श्रेष्ठ अर्जुन उसे अपने साथ लेकर चले।[1]


टीका टिप्पणी व संदर्भ

  1. 1.0 1.1 महाभारत मौसल पर्व अध्याय 7 श्लोक 19-40

सम्बंधित लेख

महाभारत मौसल पर्व में उल्लेखित कथाएँ


युधिष्ठिर का अपशकुन देखना एवं यादवों के विनाश का समाचार सुनना | शापवश शाम्ब के पेट से मूसल की उत्पत्ति | कृष्ण और बलराम द्वारा मदिरा के निषेध की कठोर आज्ञा | श्रीकृष्ण द्वारा यदुवंशियों को तीर्थयात्रा का आदेश | कृतवर्मा सहित समस्त यादवों का परस्पर संहार | श्रीकृष्ण का दारुक को हस्तिनापुर भेजना | बभ्रु का देहावसान एवं बलराम और कृष्ण का परमधामगमन | अर्जुन का द्वारका एवं श्रीकृष्ण की पत्नियों की दशा देखकर दुखी होना | द्वारका में अर्जुन और वसुदेव की बातचीत | मौसल युद्ध में मरे यादवों का अंत्येष्टि संस्कार | अर्जुन का द्वारकावासियों को अपने साथ ले जाना | समुद्र का द्वारका को डूबोना तथा अर्जुन पर डाकुओं का आक्रमण | अर्जुन का अवशिष्ट यादवों को अपनी राजधानी में बसाना | अर्जुन और व्यास की बातचीत

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः