अब बरषा कौ आगम आयौ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग मलार


अब बरपा कौ आगम आयौ।
ऐसे निठुर भए नँदनंदन, सदेसौ न पठायौ।।
बादर जोरि उठे चहुँ दिसि तै, जलधर गरजि सुनायौ।
एकै सूल रही मेरै जिय, बहुरि नही ब्रज छायौ।।
दादुर मोर पपीहा बोलत, कोकिल सब्द सुनायौ।
'सूरदास' के प्रभु सौ कहियौ, नैननि है झर लायौ।। 3299।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः