अग्निकुण्ड (नरक)

अग्निकुण्ड हिन्दू मान्यताओं तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भूमि के नीचे जो पाँच भयानक नरक हैं, उनमें से चौथा है।[1] यह रौरव नरक की अपेक्षा दूना दुःख देने वाला है। यहाँ महान अमानुषिक दुःख भोगने पड़ते हैं। इस भीषण नरक में पापाचारी प्राणी दुःख भोगते हैं।

  • पृथ्वी के नीचे जो पाँच भयानक नरक माने जाते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
  1. रौरव
  2. महारौरव
  3. कण्टकावन
  4. अग्निकुण्ड
  5. पंचकष्ट

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 145 भाग-32

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