श्रीमद्भागवत प्रवचन -स्वामी तेजोमयानन्द श्रीमद्भागवत प्रवचन -तेजोमयानन्द क्रमांक विवरण पृष्ठ संख्या श्रीमद्भागवत-माहात्म्य 1. मंगलाचरण 3 2. भागवत-माहात्म्य 6 3. नारद जी तथा भक्ति का संवाद 12 4. नारद जी की सनत्कुमारों से भेंट 15 5. भागवत कथा श्रवण की महिमा 21 6. आत्मदेव तथा धुंधुली की कथा 22 7. धुंधुकारी का पतन व उद्धार 26 8. गोकर्ण द्वारा भागवत कथा 29 9. सनत्कुमारों द्वारा भागवत सप्ताह व उसकी विधि 31 प्रथम स्कन्ध 1. शौनक आदि ऋषियों के प्रश्न 41 2. सूत जी के उत्तर 45 3. कर्तव्य का स्वरूप व प्रयोजन 47 4. तत्त्व का स्वरूप 54 5. भगवान के अवतार का प्रयोजन 59 6. वेद व्यास जी का असंतोष 64 7. नारद जी के पूर्व जन्म की कथा 70 8. गर्भ में परीक्षित की रक्षा 73 9. अधिकारी के लक्षण 74 10. विदुर जी के उपदेश से धृतराष्ट्र व गांधारी का वन-गमन 75 11. धर्म व पृथ्वी का संवाद 77 12. परीक्षित के द्वारा कलि का निग्रह 80 13. कलि के पाँच निवास स्थान 81 14. राजा परीक्षित को ऋषिपुत्र का शाप 83 15. परीक्षित का पश्चात्ताप व दण्ड की याचना 85 16. परीक्षित की विरक्ति तथा शुकदेव जी का आगमन 87 द्वितीय स्कन्ध 1. परीक्षित के प्रश्न का उत्तर 95 2. विराट का ध्यान 98 3. सूक्ष्म रूप का ध्यान 103 4. सगुण साकार का ध्यान 104 5. परीक्षित के सृष्टि विषयक प्रश्न 107 6. पुराणों में उत्तर देने की विशेष शैली 109 7. शुकदेव जी का उत्तर 110 8. भगवान नारायण तथा ब्रह्मा जी 111 9. परीक्षित के प्रश्न 117 10. चतुःश्लोकी भागवत 120 11. भागवत पुराण के दस विषय 125 तृतीय स्कन्ध 1. विदुर जी तथा मैत्रेय ऋषि का संवाद 133 2. वराह-अवतार 139 3. दिति की याचना 142 4. जय-विजय को आसुरी योनि की प्राप्ति 145 5. हिरण्यकशिपु व हिरण्याक्ष का जन्म 151 6. वराह भगवान के साथ हिरण्याक्ष का युद्ध 152 7. भगवान का ज्ञानावतार (कपिलावतार) 154 8. कपिल भगवान से माता देवहूति का ज्ञानार्जन 159 चतुर्थ स्कन्ध 1. दक्ष प्रजापति व शिवजी का वैमनस्य 180 2. दक्ष यज्ञ में सती जी का आत्म दहन 183 3. दक्ष यज्ञ का विध्वंस 186 4. भगवान शंकर द्वारा दक्ष यज्ञ की पूर्ति 187 5. ध्रुव का मान-भंग 189 6. ध्रुव का वन-गमन 191 7. ध्रुव को नारद जी का उपदेश 195 8. भगवद्दर्शन प्राप्त करके ध्रुव जी का घर लौटना 204 9. ध्रुव जी का यक्षों से युद्ध व उन्हें मनु जी की शिक्षा 205 10. ध्रुव जी को ध्रुव लोक की प्राप्ति 206 11. ध्रुव-वंश के राजा अंग तथा वेन की कथा 208 12. पृथु-चरित्र 210 13. राजा पृथु के यज्ञ में भगवान का प्राकट्य 213 14. राजा पृथु का प्रजा को उपदेश 215 15. राजा पृथु को सनत्कुमारों का उपदेश 217 16. प्रचेताओं को भगवान शंकर का उपदेश 221 17. पुरञ्जनोपाख्यान 222 18. पुरञ्जनोपाख्यान का तात्पर्य 224 पञ्चम स्कन्ध 1. प्रियव्रत-चरित्र 227 2. प्रियव्रत के वंश का वर्णन 228 3. ऋषभावतार 229 4. ऋषभदेव का अपने पुत्रों को उपदेश 230 5. अवधूत-धर्म 233 6. भरत जी का हिरन शावक में आसक्त होना 236 7. जड़ भरत व राजा रहूगण की भेंट 241 8. राजा रहूगण को जड़भरत जी का उपदेश 244 9. भवाटवी का निरूपण 247 10. भूगोल का वर्णन 249 11. विभिन्न नरकों व उनकी गतियों का वर्णन 250 षष्ठ स्कन्ध 1. अजामिलोपाख्यान 257 2. नाम-महिमा 261 3. इन्द्र द्वारा बृहस्पति जी का अपमान 268 4. देवताओं द्वारा विश्वरूप का वरण 269 5. वृत्रासुर के वध के लिए देवताओं द्वारा दधीचि ऋषि से अस्थियाँ माँगना 270 6. वृत्रासुर की भगवद्भक्ति व भगवत प्राप्ति 271 7. वृत्रासुर का पूर्व चरित्र 272 सप्तम स्कन्ध 1. युधिष्ठिर का प्रश्न - नारद जी का समाधान 275 2. हिरण्याक्ष वध के बाद हिरण्यकशिपु का स्वजनों को उपदेश 278 3. हिरण्यकशिपु का तप व वरदान की प्राप्ति 280 4. प्रह्लाद-चरित्र 282 5. प्रह्लाद जी पर हिरण्यकशिपु का अत्याचार 287 6. प्रह्लाद द्वारा असुर-बालकों को शिक्षा 289 7. नृसिंह-अवतार 295 8. वर्णाश्रम-धर्म 308 9. सामान्य-धर्म 311 10. स्त्री-धर्म 313 11. ब्रह्मचर्याश्रम 315 12. वानप्रस्थाश्रम 316 13. संन्यासाश्रम 317 14. गृहस्थों के लिए मुक्ति का मार्ग 319 अष्टम स्कन्ध 1. भगवान हरि के द्वारा गजेन्द्र की मुक्ति 327 2. भगवान अजित से ब्रह्माजी की प्रार्थना 334 3. देवताओं द्वारा समुद्र-मन्थन का प्रस्ताव 336 4. समुद्र-मन्थन 337 5. भगवान शंकर का विषपान 339 6. मोहिनी-अवतार 346 7. समुद्र-मन्थन का तात्पर्य 349 8. देवासुर-संग्राम 350 9. भगवान शंकर का मोहित होना 351 10. राजा बलि की अमरावती पर विजय 356 11. वामन-अवतार 357 12. बलि की सत्यसन्धता 367 13. राजा बलि के अभिमान का निवारण 370 14. भगवान की भक्तवत्सलता 376 15. मत्स्यावतार 379 नवम स्कन्ध 1. अम्बरीष-चरित्र 382 2. इक्ष्वाकु-वंश 386 3. श्रीराम तथा श्रीकृष्ण 387 4. आदर्श की परिसीमा - भगवान श्री राम 389 5. परशुराम-अवतार 401 6. ययाति-चरित्र 403 7. रन्तिदेव की करुणा व उदारता 405 दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) 1. अवतार की प्रस्तावना 407 2. भगवान द्वारा पृथ्वी के कष्ट निवारण का आश्वासन 415 3. वसुदेव-देवकी का विवाह 418 4. वसुदेव जी का कंस को वचन देना 419 5. कंस द्वारा देवकी के छः पुत्रों की हत्या 421 6. ब्रह्मादि देवताओं द्वारा गर्भस्थ भगवान की स्तुति 424 7. भगवान का प्राकट्य - श्री कृष्णावतार 425 8. श्रीकृष्ण को लेकर वसुदेव जी का गोकुल जाना 433 9. योगमाया की भविष्यवाणी 436 10. नन्दघर में भगवान का जन्मोत्सव 438 11. पूतना-मोक्ष 442 12. शकटासुर का उद्धार 447 13. तृणावर्त का उद्धार 449 14. नामकरण-संस्कार 451 15. श्रीकृष्ण की बाल-लीला 452 16. मृद्भक्षण-लीला 455 17. ऊखल-बन्धन-लीला 459 18. यमलार्जुन का उद्धार 463 19. वत्सासुर का उद्धार 466 20. बकासुर का उद्धार 467 21. अघासुर का उद्धार 469 22. ब्रह्माजी का मोह 471 23. धेनुकासुर का उद्धार 477 24. कालिय नाग का दमन 478 25. श्रीकृष्ण द्वारा दावानल से व्रजवासियों की रक्षा 485 26. बलराम जी द्वारा प्रलम्बासुर का उद्धार 486 27. श्रीकृष्ण द्वारा अग्निपान 487 28. बाँसुरी की विशेषता 491 29. वेणुगीत 492 30. चीर-हरण-लीला का रहस्य 493 31. गोप-बालों द्वारा ब्राह्मणों से अन्न की याचना 499 32. इन्द्र के अभिमान का मर्दन 503 33. गोवर्धन-धारण-लीला 504 34. नन्दबाबा को वरुण लोक से लौटा कर लाना 508 35. रासलीला की प्रस्तावना 510 36. रासलीला 516 37. गोपी-गीत 529 38. सुदर्शन व शंखचूड़ का उद्धार 547 39. युगलगीत 548 40. अरिष्टासुर, केशी तथा व्योमासुर का उद्धार 550 41. अक्रूर जी की व्रजयात्रा 552 42. श्रीकृष्ण-बलराम का मथुरागमन 555 43. श्रीकृष्ण का मथुरा प्रवेश 557 44. कुब्जा पर कृपा 558 45. धनुष-भंग 559 46. कुवलयापीड़ का उद्धार 560 47. चाणूर, मुष्टिक आदि का उद्धार 562 48. कंस का उद्धार 563 49. श्रीकृष्ण-बलराम का गुरुकुल में जाना 566 50. उद्धव जी की व्रजयात्रा 567 51. उद्धव जी से गोपियों का संवाद 569 52. श्रीकृष्ण द्वारा कुब्जा को दिये गए वचन की पूर्ति 571 53. श्रीकृष्ण का अक्रूर जी के घर जाना 571 दशम स्कन्ध (उत्तरार्ध) 54. जरासन्ध के सत्रह आक्रमण 572 55. द्वारका का निर्माण 573 56. कालयवन का भस्म होना 574 57. मुचुकुन्द की कथा 575 58. बलरामजी तथा श्री कृष्ण के विवाह 577 59. रुक्मिणी जी का संदेश व उसका रहस्य 578 60. रुक्मिणी जी का अपहरण 583 61. श्रीकृष्ण-रुक्मिणी-विवाह 584 62. प्रद्युम्न द्वारा शम्बरासुर का वध 585 63. स्यमन्तक मणि की कथा 586 64. श्रीकृष्ण-जाम्बवती-विवाह 587 65. श्रीकृष्ण-सत्यभामा-विवाह 587 66. श्रीकृष्ण के अन्यान्य विवाह 588 67. भौमासुर का उद्धार 590 68. श्रीकृष्ण के सोलह हजार विवाह 591 69. श्रीकृष्ण-रुक्मिणी-संवाद 592 70. श्रीकृष्ण की संतति का वर्णन 593 71. राजा नृग का उद्धार 594 72. राजा पौण्ड्रक की कथा 595 73. नारद जी का भगवान की गृहस्थी देखना 597 74. जरासन्ध के बन्दी राजाओं के दूत का आगमन 598 75. इन्द्रप्रस्थ की ओर प्रस्थान 598 76. जरासन्ध का उद्धार 599 77. भगवान श्रीकृष्ण की अग्रपूजा और शिशुपाल का उद्धार 600 78. दुर्योधन का अपमान 603 79. बलराम जी की तीर्थयात्रा 604 80. श्रीकृष्ण के सखा सुदामा जी की कथा 605 81. माता देवकी के छः पुत्रों को लौटा लाना 613 82. सुभद्राहरण 614 83. श्रीकृष्ण का मिथिला नरेश बहुलाश्व तथा श्रुतदेव ब्राह्मण के घर एक ही समय जाना 615 84. भस्मासुर का नाश 616 85. भृगुऋषि द्वारा त्रिदेवों की परीक्षा 619 एकादश स्कन्ध 1. मुक्ति का स्वरूप 621 2. यदुवंशियों के नाश की पृष्ठभूमि 629 3. यदुवंशियों को ब्रह्मशाप 632 4. वसुदेवजी को नारद जी के द्वारा ज्ञानोपदेश 635 5. राजा निमि तथा नौ योगीश्वरों का संवाद 637 6. प्रथम प्रश्न - भागवत धर्म का तात्पर्य 640 7. द्वितीय प्रश्न - भक्त के लक्षण 650 8. तृतीय प्रश्न - माया का स्वरूप 660 9. चतुर्थ प्रश्न - माया तरण का उपाय 662 10. पंचम प्रश्न - नारायण का स्वरूप 668 11. षष्ठ प्रश्न - कर्मयोग का स्वरूप 672 12. सप्तम प्रश्न - अवतारों की कथा 676 13. अष्टम प्रश्न - अभक्तों की गति 678 14. नवम प्रश्न - भिन्न-भिन्न युगों में भगवत प्राप्ति के साधन 680 15. देवताओं की भगवान से स्वधाम लौटने के लिए प्रार्थना 684 16. भगवान श्रीकृष्ण से उद्धव जी की प्रार्थना 685 17. उद्धवगीता 688 18. अवधूतोपाख्यान (चौबीस गुरुओं की कथा) 693 19. बद्ध, मुक्त तथा भक्त के लक्षण 717 20. सत्संग की महिमा 724 21. हंसोपाख्यान 726 22. सर्वश्रेष्ठ मार्ग 730 23. सिद्धियों का निरूपण 732 24. भगवान की विभूतियाँ 734 25. वर्णाश्रम-धर्म 736 26. शुद्ध ज्ञान तथा भक्ति का निरूपण 737 27. ज्ञानयोग, कर्मयेाग व भक्तियोग 740 28. गुण-दोष का विवेचन 743 29. सांख्य का विवेचन 744 30. भिक्षुगीत 746 31. सांख्ययोग 750 32. त्रिगुणों के कार्यों का वर्णन 751 33. ऐलगीत 752 34. क्रियायोग 752 35. परमार्थ का निरूपण 753 द्वादश स्कन्ध 1. कलियुग के गुण-दोष 762 2. चार प्रकार के प्रलय 763 3. परीक्षित का मोक्ष 764 4. मार्कण्डेय ऋषि का माया-दर्शन 767 5. उपसंहार 767 6. अंतिम पृष्ठ 769 वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः