शंयु

हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार प्रधान आहुतियों को देते समय जिस अग्नि के लिये सर्वप्रथम घी की आहुति दी जाती है, वह महान व्रतधारी अग्नि ही बृहस्‍पति का शंयु नाम से विख्‍यात[1] पुत्र है।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रथम
  2. महाभारत वन पर्व अध्याय 219 श्लोक 1-14

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