द्वात्रिंशदधिकशततम (132) अध्याय: आदि पर्व (सम्भव पर्व)
महाभारत: आदि पर्व: द्वात्रिंशदधिकशततम अध्याय: श्लोक 19-22 का हिन्दी अनुवाद
तब अर्जुन ने ‘तथास्तु’ कहकर वैसा ही करने की प्रतिज्ञा की और हाथ जोड़कर उस उत्तम अस्त्र को ग्रहण किया। उस समय गुरु द्रोण ने अर्जुन से पुन: यह बात कही- ‘संसार में दूसरा कोई पुरुष तुम्हारे समान धनुर्धर न होगा’। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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