भूरि दक्षिणा

Disamb2.jpg दक्षिणा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- दक्षिणा (बहुविकल्पी)

भूरि दक्षिणा शब्द यज्ञ की परिभाषा में विशेष अर्थ रखता है। महाभारत के अनुसार यह यज्ञ के पश्चात दी जाने वाली विशेष प्रकार की दक्षिणा है।[1]

ऋत्विजों के अतिरिक्त यज्ञ के अवसर पर और जितने भी ब्राह्मण एवं पात्र एकत्र होते थे, उन सबको उन्मुक्त भाव से बांटी जाने वाली दक्षिणाएं ‘भूरि दक्षिणा’ कहलाती थीं। आज भी विवाह समय अग्नि-साक्षिक कर्म कराने वालों के अतिरिक्त अन्य उपस्थित बहुसंख्यक ब्राह्मणों और अन्य लोगों को जो दक्षिणा बांटी जाती है, उसे ‘भूर’ या ‘बूर’ कहते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत सावित्री -वासुदेवशरण अग्रवाल पृ. 232

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