मीराँबाई की पदावली
विरोध राग कामोद
बरजी मै काहू की नाहिं रहूँ ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बरजी = रोकी हुई, मना करने पर। काहू की = किसी की भी। चेतन = सावधान। भलि = चाहे। मेरो = अपना। लहूँ = कटा दूँ। सुमरण सेती = भगवान् के स्मरण से। बोल = कटु वचन। गहूँ = पकड़ती हूँ।
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