पुष्पक विमान का उल्लेख 'रामायण' में मिलता है, जिसमें बैठकर लंका के राजा रावण ने सीता का हरण किया था। यह कुबेर के विमान का नाम था, जो आकाशमार्ग से चलता था[1]
- पुष्पक विमान पहले कुबेर के पास था, लेकिन रावण ने अपने भाई कुबेर से बलपूर्वक इसे हासिल कर लिया।
- 'रामायण' में वर्णित है कि युद्ध के बाद श्रीराम, सीता, लक्ष्मण तथा अपने अन्य सहयोगियों के साथ दक्षिण में स्थित लंका से अयोध्या पुष्पक विमान द्वारा ही आये थे। तदनन्तर उन्होंने इसे पुन: कुबेर को दे दिया था।
- मान्यता है कि पुष्पक विमान का प्रारूप एवं निर्माणविधि ब्रह्मर्षि अंगिरा ने बनायी और निर्माण एवं साज-सज्जा भगवान विश्वकर्मा द्वारा की गयी थी। इसी से वह 'देवशिल्पी' कहलाये थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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