परिक्रमा से अभिप्राय है- "सामान्य स्थान या किसी व्यक्ति के चारों ओर उसकी दाहिनी तरफ़ से घूमना"। इसको 'प्रदक्षिणा करना' भी कहते हैं, जो 'षोडशोपचार' पूजा का एक अंग है। हिन्दू धर्म में 'परिक्रमा' का बड़ा महत्त्व है।
- ब्रजभूमि की ब्रज चौरासी कोस की पौराणिक यात्रा हज़ारों साल पुरानी है। चालीस दिन में पूरी होने वाली ब्रज चौरासी कोस यात्रा का उल्लेख वेद-पुराण व श्रुति ग्रंथ संहिता में भी है। कृष्ण की बाल क्रीड़ाओं से ही नहीं, सतयुग में भक्त ध्रुव ने भी यहीं आकर नारद जी से गुरु मन्त्र ले अखंड तपस्या की व ब्रज की परिक्रमा की थी।
- द्वापर युग में उद्धव ने गोपियों के साथ ब्रज परिक्रमा की।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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