तरखान का प्राचीन नाम 'त्र्यक्ष' है, जिसका वर्णन महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है। यह बदख़्शां (द्वयक्ष) के निकट स्थित था।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सभापर्व 51, 17
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 393 |