जयसंहिता

Disamb2.jpg जय एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- जय (बहुविकल्पी)

महाभारत में मूलतः 8800 श्लोक थे तथा इसका नाम 'जयसंहिता' (विजय संबंधी ग्रंथ) था। बाद में श्लोकों की संख्या 24000 होने के पश्चात् यह वैदिक जन भरत के वंशजों की कथा होने के कारण ‘भारत‘ कहलाया। कालान्तर में गुप्त काल में श्लोकों की संख्या बढ़कर एक लाख होने पर यह 'शतसाहस्त्री संहिता' या 'महाभारत' कहलाया।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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