चिरकारी हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार अंगिरा के वंशज और महर्षि गौतम के पुत्र थे।
- चिकारी बड़ा बुद्धिमान था, और कर्तव्यों के पालन में कभी अपराध नहीं करता था।
- चिरकाल तक जागता था और चिरकाल तक सोता था तथा चिर-विलम के बाद ही कार्य पूर्ण करता था, इसलिये सब लोग उसे चिरकारी कहने लगे थे।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 47 |
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