अथर्ववेद हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध चार वेदों में से एक है। इसकी रचना 'अथवर्ण' तथा 'आंगिरस' ऋषियों द्वारा की गयी थी। इसीलिए अथर्ववेद को 'अथर्वांगिरस वेद' भी कहा जाता है।
- अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई थी।
- यह वेद दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है। जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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