ऐसी लागी लगन मीरां हो गयी मगन रसना निस दिन भज ना वो काला एक बाँसुरी वाला तन के तमबूरे में मेरी पापो सें भर गयी गागर कोई गोपी आई यशोदा का लाला मैंने लीनो गोविंद चदरीया झीनी रे झीनी मैं नही माखन खायो बीच भँवर में फसीं है नइया चलो सखी कान्हा मुरली बजाये कान्हा क्यों ऐसी बंसी बजाई कृष्णा तेरे कितने नाम कृष्णा कृष्णा जप ले बन्दे मोहन मोहन हमारे मधुवन प्रभु मोरे तरस गये रे नैना वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः