मीराँबाई की पदावली
विरहयातना
राग होली
होली पिया बिन लागै खारी, सुनो री सखी मेरी प्यारी ।।टेक।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आई
- ↑ खारी = फीकी। कारी = स्याह पड़ गई हूँ। या दुख = इस दुख के कारण। अंदेस = आशंका, संशय। झाँझ-झाल। इकतारी = छोटा इकतारा बाजा। कंथ = कंत, पति, प्रियतम। जर = ज्वर, ताप। कँवारी = क्वारी, कुमारी। तारी = ध्यान।
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