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पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्री कृष्ण के प्रेमोद्गार
राग परज - तीन ताल
हे वृषभानु राजनन्दिनि! हे अतुल प्रेम-रस-सुधा-निधान! |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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राग परज - तीन ताल
हे वृषभानु राजनन्दिनि! हे अतुल प्रेम-रस-सुधा-निधान! |