हम पर हेत किए रहिबौ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग मलार


हम पर हेत किए रहिबौ।
या व्रज कौ ब्यौहार सखा तुम, हरि सौ सब कहिबौ।।
देखे जात आपनी अँखियनि, तन कौ दहिबौ।
तन की विथा कहा कहौ तुमसौ, यह हमकौ सहिबौ।।
तब न कियौ प्रहार प्राननि कौ, फिरि फिर क्यौ चहिबौ।
अब न देह जरि जाइ ‘सूर’ इनि नैननि कौ बहिबौ।।4056।।

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