स्वायंभुव मनु सुत भए दोइ -सूरदास

सूरसागर

तृतीय स्कन्ध

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राग बिलावल



स्वायंभुव मनु सुत भए दोइ। तनया तीनि, सुनौ अब सोइ।
दच्छ प्रजापति कों इक दई। इक रुचि, एक कर्दम-तिय भई।
कर्दम कैं भयौं कपिलऽवतार। सूर कह्यौ भागवतऽनृसार।।12।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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