स्याम-स्वामिनी राधिके -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

वंदना एवं प्रार्थना

Prev.png
राग पीलू - ताल कहरवा


स्याम-स्वामिनी राधिके! करौ कृपा कौ दान।
सुनत रहैं मुरली मधुर, मधुमय बानी कान॥
पद-पंकज-मकरंद नित पियत रहैं दृग-भृंग।
करत रहैं सेवा परम सतत सकल सुचि अंग॥
रसना नित पाती रहै दुर्लभ भुक्त प्रसाद।
बानी नित लेती रहै नाम-गुननि-रस-स्वाद॥
लगौ रहै मन अनवरत तुम में आठौं जाम।
अन्य स्मृति सब लोप हों सुमिरत छबि अभिराम॥
बढ़त रहै नित पलहिं-पल दिय तुहारौ प्रेम।
सम होवैं सब छंद पुनि, बिसरैं जोगच्छेम॥
भुक्त-मुक्ति की सुधि मिटै, उछलैं प्रेम-तरंग।
राधा-माधव सरस सुधि करै तुरत भव-भंग॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः