सुनि आधी सी राति मोहन मुरलि बजावै -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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राग काफी




सुनि आधी सी राति मोहन मुरलि बजावै।
नींद उचटि गई मन मुरझानी प्राननि और न भावै।।
मन हरि लियौ देहगति भूली गृह अँगना न सुहावै।
'सूरदास' प्रभु मुरलीताननि देहदसा बिसरावै।। 12 ।।

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