सव्यसाची महाभारत में पाण्डु तथा कुंती के पुत्र अर्जुन का ही एक अन्य नाम है। 'महाभारत' में अर्जुन के इस नाम की व्याख्या इस प्रकार है-
उभौ ये दक्षिणौ पाणी गांडीवस्य विकर्षणे। तेन देव मनुष्येषु सव्यसाचीति मां विदुः।।
अर्थात जो दोनों हाथों से धनुष का संधान कर सके, वह देव मनुष्य सव्यसाची कहा जाता है।
- कपिध्वज
- गुडाकेश
- पार्थ
- परन्तप
- कौन्तेय
- पुरुषर्षभ
- भारत
- किरीटी
- महाबाहो
- फाल्गुन
- धनञ्जय
- विजय
- श्वेतवाहन
- बीभत्सु
- जिष्णु
- कृष्ण (अर्जुन)
- इन्हें भी देखें: अर्जुन के नाम, अर्जुन एवं पांडव
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 124 |
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