षष्ठीदेवी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत सभा पर्व के अनुसार यह ब्रह्मा जी की सभा में उनकी सेवा के लिए बैठने वाली एक देवी का नाम था।[1]
- ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार मूलप्रकृति के छठे अंश से प्रकट होने के कारण ये ‘षष्ठी देवी’ कहलाती हैं तथा मातृकाओं में ‘देवसेना’ नाम से ये प्रसिद्ध हैं।[2]
- षष्ठी देवी को स्वामी कार्तिकेय की पत्नी होने का सौभाग्य प्राप्त है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 505 |
- ↑ [महाभारत सभा पर्व 11.41]
- ↑ ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 329
संबंधित लेख
|