श्री जमुना जी तिहारो दरस -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

Prev.png
राग रामकली




(श्री जमुना जी) तिहारो दरस मोहिं भावै।
बंसी वट कै निकट बहति हौ लहरनि की छवि आवै।।
दुख हरनी सुख देनी जमुना प्रातहिं जो जस गावै।
मन मोहन की खरी पियारी पटरानी जु कहावै।।
बृंदाबन मैं रास बिलासै मुरली मधुर बजावै।
'सूरदास' दंपति छवि निरखत बिमल बिमल जस गावै।। 54 ।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः