श्री गोपाल लाल जी बंसी नैंकु तिहारी पाऊँ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग कर्नाटी


श्री गोपाल लाल जी बंसी नैंकु तिहारी पाऊँ।
करनाटी गौरी मै गाऊँ मुरलि वजाई रिझाऊँ।।
तुम सँगीत गावत जेइ जेई, तेइ तेइ तान सुनाऊँ।।
तहँ लगि गान सुनाऊँ, जहँ लगि सप्त सुरनि मैं पाऊँ।।
सुरनि विमान थकित करि राखौ, कलिदीहि थिराऊँ।
बेनी, सीस फूल पहिरौ तुम, मैं सिर मुकुट बनाऊँ।।
तुम वृषभानु सुता ह्वै बैठौ, मैं नंदलाल कहाऊँ।
तुम मानिति ह्वै गान करौ पुनि, मैं गहि चरण मनाऊँ।।
'सूरदास' प्रभु तुम्हरे दरस कौ, भक्ति भावना पाऊँ।
कीजै कृपा आपनै अनुचर, अनुपम लीला लीला गाऊँ।।2140।।

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