श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रातः[1] कालीन सेवा
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क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
- ↑ सूर्योदय के उपरान्त छः दण्ड तक प्रातःकाल या संगवकाल रहता है।
- ↑ श्रीराधा के निम्नांकित सोलह श्रृंगार गिनाये गये हैं–
(१) स्नान
(२) नाक में बुलाक धारण कराना
(३) नीली साड़ी धारण कराना
(४) कमर में करधनी बाँधना
(५) वेणी गूँथना
(६) कानों में कर्ण फूल धारण कराना
(७) अंगों में चन्दनादि का लेप करना
(८) बालों में फूल खोंसना
(९) गले में फूलों का हार धारण कराना
(१०) हाथ में कमल धारण कराना
(११) मुख में पान देना
(१२) ठोड़ी पर घिसी हुई कस्तूरी की काली बेंदी लगाना
(१३) नेत्रों में काजल आँजना
(१४) अंगों को पत्रावली से चित्रित करना
(१५) चरणों में महावर देना और
(१६) ललाट पर तिलक लगाना।
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