श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
‘नारदपाञ्चरात्र’ में राधा के सम्बन्ध में कहा गया है-
जैसे श्रीकृष्ण ब्रह्मस्वरूप हैं तथा प्रकृति से सर्वथा परे हैं, वैसे ही श्रीराधा भी ब्रह्म स्वरूपा, माया के लेप से रहित तथा प्रकृति से परे है। श्रीकृष्ण के प्राणों की जो अधिष्ठातृदेवी है; वे ही श्रीराधा हैं। यही बात देवी भागवात में कही गयी है-
श्रीराधा श्रीकृष्ण के प्राणों की अधिष्ठातृदेवी हैं। कारण, परमात्मा श्रीकृष्ण उनके अधीन हैं। वे रासेश्वरी सदा उनके समीप रहती हैं। वे न रहें तो श्रीकृष्ण टिकें ही नहीं। |
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