श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
वे श्रीराधाजी भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा है। इनके साथा रमण करने के कारण ही रहस्य के जानने वाले मर्मज्ञ विद्वान श्रीकृष्ण को ‘आत्माराम’ कहते हैं -
स्वरूपतः श्रीराधा-माधव सदा एक होने पर भी एक-दूसरे की आराधना करते हैं।
राधा श्रीकृष्ण की आराधना करती है और श्रीकृष्ण राधा की। वे दोनों परस्पर आराध्य-आराधक हैं। संत कहते हैं कि उनमें सभी दृष्टियों से पूर्ण समता है। |
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