श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
‘राधा’ नाम के अन्तर्गत राकार के उच्चारण से मनुष्य श्रीकृष्ण-चरण कमल में निश्चला भक्ति और भगवान के दासत्त्व को प्राप्त करके समस्त अभिलषित पदार्थ, सदानन्द और समस्त सिद्धियों की खान ईश्वर की प्राप्ति करता है और धकार का उच्चारण उसे सार्ष्टि, सारूप्य, भगवान के स्वरूप का तत्त्व ज्ञान और समान काल उनके साथ रहने की स्थिति प्रदान करता है। आकार उच्चारित होने पर शिव के समान औढरदानीपन, तेजोराशि, योगशक्ति, योग में मति और सर्वकाल में श्रीहरि की स्मृति प्राप्त होती है। इस प्रकार ‘राधा’ नाम के श्रवण, उच्चारण, स्मरण और संयोग से मोह-जाल तथा पाप राशि का नाश हो जाता है और रोग-शोक-मृत्यु तथा यमराज उसके भय से काँपने लगते हैं। |
संबंधित लेख
क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज