पंचम स्कन्ध: पञ्चदशं अध्याय
श्रीमद्भागवत महापुराण: पंचम स्कन्ध: पञ्चदशं अध्यायः श्लोक 11-16 का हिन्दी अनुवाद
महाराज गय के गयन्ती के गर्भ से चित्ररथ, सुगति और अवरोधन नामक तीन पुत्र हुए। उनमें चित्ररथ की पत्नी ऊर्णा से सम्राट् का जन्म हुआ। सम्राट् के उत्कला से मरीचि और मरीचि के बिन्दुमती से बिन्दुमान् नामक पुत्र हुआ। उसके सरघा से मधु, मधु के सुमना से वीरव्रत और वीरव्रत के भोजा से मन्थु और प्रमन्थु नाम के दो पुत्र हुए। उनमें से मन्थु के सत्या के गर्भ से भौवन, भौवन के दूषणा के उदर से त्वष्टा, त्वष्टा के विरोचना से विरज और विरज के विषूची नाम की भार्या से शतचित् आदि सौ पुत्र और एक कन्या का जन्म हुआ। विरज के विषय में यह श्लोक प्रसिद्ध है- ‘जिस प्रकार भगवान् विष्णु देवताओं की शोभा बढ़ाते हैं, उसी प्रकार इस प्रियव्रत वंश को इसमें सबसे पीछे उत्पन्न हुए राजा विरज ने अपने सुयश से विभूषित किया था’। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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