श्रीमद्भागवत महापुराण दशम स्कन्ध अध्याय 58 श्लोक 56-58

दशम स्कन्ध: अष्टपंचाशत्त्म अध्याय (पूर्वार्ध)

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श्रीमद्भागवत महापुराण: दशम स्कन्ध: अष्टपंचाशत्त्म अध्याय श्लोक 56-58 का हिन्दी अनुवाद


परीक्षित! भगवान श्रीकृष्ण की फूआ श्रुतकीर्ति केकय देश में ब्याही गयी थीं। उनकी कन्या का नाम था भद्रा। उसके भाई सन्तर्दन आदि ने उसे स्वयं ही भगवान श्रीकृष्ण को दे दिया और उन्होंने उसका पाणिग्रहण किया।

मद्र प्रदेश के राजा की एक कन्या थी लक्ष्मणा। वह अत्यन्त सुलक्षणा थी। जैसे गरुड़ ने स्वर्ग से अमृत का हरण किया था, वैसे ही भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयंवर में अकेले ही उसे हर लिया।

परीक्षित! इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण की और भी सहस्रों स्त्रियाँ थीं। उन परम सुन्दरियों को वे भौमासुर को मारकर उसके बंदीगृह से छुड़ा लाये थे।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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