श्रीमद्भगवद्गीता तत्त्वविवेचनी हिन्दी-टीका -जयदयाल गोयन्दका
प्रथम अध्याय
प्रश्न- इस डेढ़ श्लोक का स्पष्टीकरण कीजिये। उत्तर- भगवान् की आज्ञा पाकर अर्जुन ने दोनों ही सेनाओं में स्थित अपने समस्त स्वजनों को देखा। उनमें भूरिश्रवा आदि पिता के भाई, पितातुल्य पुरुष थे। भीष्म, सोमदत्त और बाह्लीक आदि पितामह-प्रपितामह थे। द्रोणाचार्य, कृपाचार्य आदि गुरु थे। पुरुजित, कुन्तिभोज और शल्य आदि मामा थे। अभिमन्यु, प्रतिविन्ध्य, घटोत्कच, लक्ष्मण आदि अपने और भाइयों के पुत्र थे। लक्ष्मण आदि के पुत्र थे, जो सम्बन्ध में अर्जुन के पौत्र लगते थे। साथ खेले हुए बहुत-से मित्र और सखा थे। द्रुपद, शैब्य आदि ससुर थे और बिना ही किसी हेतु के उसका कल्याण चाहने वाले बहुत-से सुहृद् थे। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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